STRUGGLING TWENTIETH CENTURY ( Part 1)
प्रथम विश्वयुद्ध ( World War 1)
हैलो दोस्तों. कैसे है आप सब लोग? आशा करता हुं कि आप सभी कुशल होंगे. कल हमने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष में, अजरबैजान का साथ देने वाले तुर्कि के बारे में जानकारी ली. तो दोस्तो, आज मैं आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने वाला हुं, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रखा था। इस घटना के दौराण और बाद में जो वो बहुत ही विध्वसंक और विनाशकारी था. इसमे लाखों लोग मारे गये, कुछ बेघर हो गये. पूरी दुनिया के जीवन, पर उसके बुरे नतीजे दिखाई देने लगे. दुनिया के कई देशो की आर्थिक स्थिती बिगड़ गई, इस घटना मे जान, माल और प्राकृतिक संसाधनो मे भारी क्षति आई. इस घटना मे नवोदित युवाओ कि एक पिढी मारी गई थी। पूरे विश्व पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ा था. तो दोस्तो, शायद ही आप जान गए होंगे के में किस घटना कि बात कर रहा हूँ. जी हा दोस्तो, आज में आपको पहले विश्वयुद्ध के बारे में बताणे जा रहा हूँ। लेकिन उससे पहले मेरा आप सबसे निवेदन है, के हमारा ब्लॉग पुरा पढिये.
English Translation
Hello guys How are you all? I hope all of you will be proficient. Yesterday, in the conflict between Armenia and Azerbaijan, we learned about Turki who supported Azerbaijan. So friends, today I am going to tell you about an incident which shook the whole world. It was very destructive and destructive during this incident and after. Millions of people died in this, some became homeless. Life of the whole world, but its bad results started appearing. The economic situation of many countries of the world has deteriorated, in this event there was a huge loss of life, goods and natural resources. In this incident a generation of young people was killed. It had a devastating effect on the whole world. So friends, hardly you would have known about which incident I am talking about. Yes friends, today I am going to tell you about the first world war. But before that I request you all, please read our blog full.
प्रथम विश्वयुद्ध, विश्व स्तर पर लढा जाने वाला पहला प्रलयंकारी युद्ध था. उसमे लगभग दुनिया के सभी देशो ने भाग लिया था। यह युद्ध, मित्र राष्ट्रो और केंद्रिय शक्तीयो के बीच लढा गया था. मित्र राष्ट्रो में इंग्लंड, फ्रान्स , रशिया, अमेरिका, इटली , रोमानिया और उनके संहयोगी राष्ट्र थे। और केंद्रिय शक्तियो मे जर्मनी ऑस्ट्रिया, हंगेरी, तुर्कि और बल्गेरिया आदि देश थे. प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों कि विजय हुई थी. प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर युरोप मे हुए व्यापक महायुद्ध को कहते है. यह महायुद्ध युरोप, एशिया और आफ्रिका; तीनो महाद्विपो में; धरती,आकाश और समुद्रो मे लढा गया था.
English Translation
The First World War was the first catastrophic war to be fought globally. It was attended by almost all the countries of the world. This war was fought between friendly nations and central powers. Allied nations were England, France, Russia, America, Italy, Romania and their codified nations. And among the central powers were Germany, Austria, Hungary, Turki and Bulgaria etc. The Allies were victorious in the First World War. The First World War is mainly called the mass war of 1914 to 1918 in Europe. The Great War in Europe, Asia and Africa; In the three continents; Was fought in the earth, sky and the sea.
प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले देशो की संख्या, इसका क्षेत्र , तथा इसके कारन हुवे अभूतपूर्व क्षति के कारण ही उसे विश्र्वयुद्ध कहा गया. यह युद्ध लगभग 4 सालो तक चला. उस समय कि पिढी के लिए यह जीवन कि दृष्टी बदलने वाला अनुभव था। लगभग पूरी दुनिया हिंसा कि चपेट मे आ गई, और एक करोड लोगो कि जान चली गई, और इससे दुगने लोग घायल हो गये. इसके अलावा बीमारी और कुपोषन की वजह से लाखो लोग मारे गए. युद्ध समाप्त होते ही चार बडे देश रशिया, फ्रान्स, ऑस्ट्रीया, जर्मनी बरबाद हो गये. इनको हेमसबर्ग भी कहते है। उस्मानिया और हंगेरी भी बर्बाद हुए, यूरोप कि सिमाए निश्चित कर दि गई और अमेरिका एक महाशक्ती बनकर सामने आया. युद्ध मे जर्मनी के हार के बाद 18 जून 1919 परिस शांति सम्मेलन हुवा, जिसमे 21 देशो ने भाग लिया. इस शांती सम्मेलन का अमेरीका, इटली और फ्रांस ने मुख्य नेतृत्व किया था. इसके अलावा जर्मनी पर वर्साय की संधी लागू की गइ.
English Translation
Due to the unprecedented damage caused by the number of countries participating in the First World War, its area, and because of it, it was called a World War. This war lasted for about 4 years. At that time it was a life-changing experience for the generation. Almost the whole world was hit by violence, and one crore people lost their lives, and twice as many people were injured. Apart from this, millions of people died due to illness and malnutrition. As soon as the war ended, four big countries - Russia, France, Austria, Germany - were destroyed. They are also called Hemsburg. Osmania and Hungary were also ruined, the limits of Europe were fixed and America emerged as a superpower. After Germany's defeat in the war, 18 June 1919 complex peace conference was held, in which 21 countries participated. The peace conference was led by America, Italy and France. Also implemented Versailles treaty on Germany.
आज हम इस लेख में पहले महायुद्ध कि पृष्टभूमी, संघर्ष का युग, युरोपीय देशो का साम्राज्यवाद, आक्रमक राष्ट्रवाद, राजनीतीक गुटबाजी, युरोपीय देशो का दो समूहो में विभाजन , बाल्कन प्रदेश मे राजनितीक जटिलता, विश्वयुद्ध का कारन, विश्वयुद्ध कि शुरुवात और विश्वयुद्ध परिनाम के बारे में जनेंगे. औदयोगिक क्रांती के कारन दुनिया के बड़े बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ उन्हें कच्चा माल मिल सके और वहा अपने द्वारा बनाया गये वस्तुओं को वो बेच सके. इसके कारन हर एक देश दुसरे देश पर साम्राज्य करने कि चाहत करने लगा। इसके लिए हर एक देश अपनी सैन्य शक्ती बढ़ाने लगा. इससे राष्ट्रो मे मंमुटाव और अविश्वास बढा, और युद्ध कि स्थिति तैयार होणे लगी.
English Translation
Today, in this article, we will see the first world war, the era of conflict, imperialism of European countries, aggressive nationalism, political factionalism, the division of European countries into two groups, political complexity in the Balkan region, the cause of world war, the start of world war and the outcome of world war. Will generate about Due to industrial revolution, the big countries of the world wanted such colonies, where they could get raw materials and they could sell the goods made by them. Due to this, every country wanted to rule each other. For this, every country started increasing its military power. This increased repentance and mistrust in the nation, and a situation of war began to be prepared.
1) पार्श्वभूमी
20 वीं शताब्दी को विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं द्वारा चिह्नित किया गया था। इस सदी की शुरुआत में दुनिया में कई संघर्ष शुरू हुए। साम्राज्य निर्माण के लिए यूरोपीय देशों के बीच बड़ी प्रतिस्पर्धा थी। इस प्रतियोगिता के कई दुष्प्रभाव थे। इस सदी की शुरुआत में, दुनिया को विनाशकारी विश्व युद्ध का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में विनाशकारी हथियार, हथियार, टैंक, युद्धपोत, मशीनगन (यांत्रिक बंदूकें), विनाशकारी विस्फोटक का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था। युद्ध के बाद, कई देशों में तानाशाही शासन स्थापित किया गया था। फासीवादी और नाजी प्रणालियों ने मानव मन के संकीर्ण और नकारात्मक पक्ष को उजागर किया।
English Translation
The 20th century was marked by important events of world history. Many conflicts began in the world at the beginning of this century. There was great competition among European countries for empire building. This competition had many side effects. At the beginning of this century, the world faced a devastating world war. Destructive weapons, weapons, tanks, warships, machine guns (mechanical guns), destructive explosives were widely used in this war. After the war, dictatorial rule was established in many countries. Fascist and Nazi systems exposed the narrow and negative side of the human mind.
2) संघर्ष का युग.
20 वीं सदी की शुरुआत, जिसने दुनिया में एक बुनियादी बदलाव लाया, 'एज ऑफ स्ट्रगल' शब्दों में वर्णित है। इस दौरान दुनिया के कई देशों की सीमाएं बदल गईं। सशस्त्र संघर्ष में लाखों लोग मारे गए। हालांकि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महान प्रगति, तानाशाही शासन का विनाश और लोकतंत्र का प्रसार और अंतर्राष्ट्रीयता का प्रयोग इस अवधि के सकारात्मक पहलू थे। 1914 में प्रथम विश्व युद्ध के साथ संघर्ष युग का एक महत्वपूर्ण चरण शुरू हुआ। इस युद्ध के कारण विश्व राजनीति में कई दूरगामी परिवर्तन हुए। इस अवधि के दौरान, यूरोपीय देशों में चरमपंथी महत्वाकांक्षाएं, आपसी अविश्वास, दुश्मनी और संघर्ष विकसित हुए और यूरोप में वातावरण विस्फोटक हुआ। यह प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत थी। भारत सहित दुनिया के अधिकांश देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस विश्व युद्ध में शामिल थे।
English Translation
The beginning of the 20th century, which brought about a fundamental change in the world, is described in the words 'Age of Struggle'. During this time the borders of many countries of the world changed. Millions of people were killed in the armed conflict. However, the great advances in science and technology, the destruction of dictatorships and the spread of democracy and the experimentation of internationalism were the positive aspects of this period. An important phase of the conflict era began in 1914 with World War I. This war led to many far-reaching changes in world politics. During this period, extremist ambitions, mutual mistrust, animosity and strife developed in the European nations and the atmosphere in Europe became explosive. This was the beginning of the First World War. The majority of the nations of the world, including India, were directly or indirectly involved in this world war.
3) युरोपियन देशो का साम्राज्यवाद
19 वीं शताब्दी में, यूरोपीय देशों ने उपनिवेशवाद, और आर्थिक साम्राज्यवाद की वकालत की। प्रत्येक औद्योगिक देश को यूरोप के बाहर अपने उपनिवेश स्थापित करने की आवश्यकता महसूस हुई। इसे बड़े साम्राज्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का संकेत माना जाता था। यूरोपीय व्यापारी पहले से ही एशिया के विभिन्न हिस्सों में व्यापार कर रहे थे। अफ्रीकी महाद्वीप की खोज के बाद, यूरोपीय व्यापारियों ने औद्योगिक रूप से अविकसित अफ्रीका-एशिया महाद्वीप की ओर रुख किया। जल्द ही एशिया और अफ्रीका में व्यापार करने वाले यूरोपीय देशों की साम्राज्यवादी मानसिकता बन गई। इस क्षेत्र को यूरोपीय देशों द्वारा प्रमुख बाजार माना जाता था और कारखानों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति की जाती थी। कुछ महाद्वीपों को यूरोपीय शक्तियों ने अपने कब्जे में ले लिया ताकि एशिया और अफ्रीका के शासक उनके आकर्षक व्यापार में हस्तक्षेप न करें। परिणामस्वरूप, एशिया और अफ्रीका का क्षेत्र यूरोपीय शक्तियों के प्रभुत्व में आ गया। जर्मनी और इटली, उभरते हुए देश, कॉलोनी की दौड़ में देर से थे। इंग्लैंड और फ्रांस टूर्नामेंट का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने एशिया और अफ्रीका में समृद्ध और सामरिक क्षेत्रों का अधिग्रहण किया था। परिणामस्वरूप, यूरोपीय देशों के बीच संघर्ष और दुश्मनी शेष और महत्वपूर्ण क्षेत्र के अधिग्रहण के लिए बढ़ गई। साम्राज्य के लिए इस प्रतियोगिता द्वारा बनाई गई दुश्मनी द्वितीय विश्व युद्ध में तब्दील हो गई थी।
English Translation
In the 19th century, European countries advocated colonialism, and economic imperialism. Every industrialized country felt the need to establish its own colonies outside Europe. It was considered a sign of national prestige to own large empires. European traders were already trading in different parts of Asia. After the discovery of the African continent, European traders turned to the industrially underdeveloped Africa-Asia continent. The imperialist mentality of the European nations that went to trade in Asia and Africa soon became. The region was considered by European nations to be the dominant market and supply of raw materials for factories. Some of the continents were taken over by the European powers so that the rulers of Asia and Africa would not interfere in their lucrative trade. As a result, the region of Asia and Africa came under the domination of European powers. Germany and Italy, the emerging nations, were late in the race for the colony. England and France were leading the tournament. They had acquired prosperous and strategic territories in Asia and Africa. As a result, strife and animosity among the European nations escalated for the acquisition of the remaining and important territory. The enmity created by this competition for empire was transformed into World War II.
4) आक्रमक राष्ट्रवाद
मेरा राष्ट्र, मेरी राष्ट्रीय परंपराएँ सर्वश्रेष्ठ हैं और अन्य राष्ट्र हीन हैं। श्रेष्ठता की ऐसी भावना यूरोप में आक्रामक राष्ट्रवाद के रूप में विकसित हुई। अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना और दूसरे राष्ट्र के प्रति घृणा, विशेष रूप से एक दुश्मन राष्ट्र, मजबूत हो गया। प्रथम विश्व युद्ध से पहले, लगभग सभी यूरोपीय देशों में इस तरह के आक्रामक राष्ट्रवाद की भावना बढ़ रही थी। किसी राष्ट्र का क्षेत्रीय विस्तार जितना अधिक होगा, उस राष्ट्र की शक्ति और प्रतिष्ठा भी उतनी ही अधिक होगी। यूरोप के कुछ बड़े राष्ट्र राष्ट्रवाद के नाम पर विस्तारवादी बन गए। जर्मनी, रूस, ऑस्ट्रिया ने नए क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया। चरम राष्ट्रवाद ने बढ़ते अंतरराष्ट्रीय विभाजन को हवा दी है। आक्रामक राष्ट्रवाद से उपजे इस असंतोष ने अंतरराष्ट्रीय विभाजन को व्यापक बनाने में बहुत योगदान दिया है।
English Translation
My nation, my national traditions are the best and other nations are inferior. Such a sense of superiority developed in Europe as aggressive nationalism. The feeling of love for one's own nation and hatred of another nation, especially an enemy nation, became strong. Prior to the First World War, the spirit of such aggressive nationalism was growing in almost all European countries. The greater the regional expansion of a nation, the greater the power and prestige of that nation. Some big nations in Europe became expansionists in the name of nationalism. Germany, Russia, Austria started struggling to occupy new territories. Extreme nationalism has fueled the growing international divide. This dissatisfaction, fueled by aggressive nationalism, has greatly contributed to the widening international divide.
इस अवधि के दौरान यूरोप में, शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय आयुध एकमात्र तरीका है। यूरोपीय राष्ट्रों ने महसूस किया कि उनकी समस्याओं को हल करने के लिए युद्ध ही एकमात्र रास्ता था। हथियारों का बड़े पैमाने पर उत्पादन यूरोप में शुरू हुआ। आधुनिक हथियारों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों आदि के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। प्रत्येक राष्ट्र ने यह कहना शुरू किया कि यह आयुध शांति और सुरक्षा के लिए था। प्रत्येक राष्ट्र ने अपनी सैन्य क्षमता पर गोपनीयता बनाए रखी। इस प्रकार सैन्य युद्धाभ्यास के कारण यूरोप की राजनीति विस्फोटक हो गई।
English Translation
In Europe during this period, national armament is the only way to maintain peace. European nations felt that war was the only way to solve their problems. Mass production of weapons began in Europe. There was a huge increase in the production of modern weapons, warships, submarines etc. Each nation began to say that the ordnance was for peace and security. Each nation maintained secrecy over its military capability. Thus the politics of Europe became explosive due to military maneuvers.
5) राजनैतिक गुटबजी
यूरोपीय राजनीति में राजनीतिक गुटबाजी की शुरुआत प्रशिया के कुलाधिपति बिस्मार्क ने की थी। उनकी महत्वाकांक्षा प्रशिया के नेतृत्व में मध्य यूरोप में जर्मन मूल के सभी राज्यों को एकजुट करने की थी। बिस्मार्क ने प्रशिया को सशक्त बनाने के लिए अनिवार्य सैन्य शिक्षा शुरू की। अपने समय के दौरान, प्रशिया ने 1866 में और 1870 में ऑस्ट्रिया पर विजय प्राप्त की। फ्रांस को हराया और 1871 के फ्रैंकफर्ट संधि के तहत एल्स और लोरेन के फ्रांसीसी क्षेत्रों को जब्त कर लिया। इसके बाद, बिस्मार्क की विदेश नीति में फ्रांस को अलग करने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक प्रमुख यूरोपीय राष्ट्र नहीं बनता है। पिछले कई शताब्दियों से इंग्लैंड और फ्रांस के बीच एक पारंपरिक दुश्मनी है। बिस्मार्क सावधान था कि इंग्लैंड और फ्रांस एक साथ नहीं आए। इसके लिए, बिस्मार्क ने शक्तिशाली इंग्लैंड को नुकसान नहीं पहुंचाने की नीति अपनाई। इटली और फ्रांस के बीच धार्मिक और औपनिवेशिक दुश्मनी का फायदा उठाते हुए बिस्मार्क ने इटली पर कब्जा कर लिया। 1882 में जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इटली के बीच मित्रता की एक त्रिपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। बिस्मार्क ने गुटबाजी की राजनीति में पोलैंड के खिलाफ युद्ध में रूस के साथ सहयोग करके रूस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए। इस प्रकार बिस्मार्क फ्रांस को यूरोपीय राजनीति में अलग-थलग करने में सफल रहा।
English Translation
The political factionalism in European politics was initiated by the Chancellor of Prussia, Bismarck. His ambition was to unite all the states of German descent in Central Europe under the leadership of Prussia. Bismarck introduced compulsory military education to empower Prussia. During his time, Prussia conquered Austria in 1866, and in 1870. Defeated France and seized the French territories of Alsace and Lorraine under the Frankfurt Treaty of 1871. In the aftermath, Bismarck's foreign policy has been focused on isolating France and making sure that it does not become a dominant European nation. There has been a traditional enmity between England and France for the last several centuries. Bismarck was careful that England and France did not come together. For this, Bismarck adopted a policy of not hurting the mighty England. Taking advantage of the religious and colonial animosity between Italy and France, Bismarck annexed Italy. In 1882, a trilateral treaty of friendship was signed between Germany, Austria and Italy. Bismarck established friendly relations with Russia by cooperating with Russia in the war against Poland in the politics of factionalism. Thus Bismarck succeeded in isolating France in European politics.
6) kaisar williams second
बिस्मार्क के बाद, 1888 में, कैसर विलियम द्वितीय जर्मनी के सम्राट बने। विलियम के करियर के दौरान, जर्मनी ने जबरदस्त औद्योगिक प्रगति की। जर्मनी के बढ़ते उत्पादन के लिए अधिकार बाजारों की आवश्यकता उत्पन्न हुई। उनकी महत्वाकांक्षा जर्मनी को नई उपनिवेश पाने, विदेशी व्यापार बढ़ाने और जर्मनी को न केवल यूरोप में बल्कि विश्व राजनीति में एक प्रमुख स्थान देने की थी। अपनी आक्रामक औपनिवेशिक नीति के कारण, इसने चीन और मध्य अफ्रीका में कुछ क्षेत्रों को प्राप्त किया। प्रशांत महासागर में नौसैनिक ठिकानों के लिए कैरोलीन, पलाऊ और मारियाना के द्वीपों को स्पेन से जर्मनी ने खरीदा था। पूर्वी इंग्लैंड से व्यापार की सुविधा के लिए, कैसर विलियम ने बर्लिन से बगदाद और वहां से ईरान की खाड़ी तक एक रेलवे बनाने का अधिकार हासिल कर लिया। वह इंग्लैंड, फ्रांस और रूस के कड़े विरोध के कारण मार्ग को पूरा करने में असमर्थ था। कैसर विलियम ने सेना और नौसेना को कॉलोनी का विस्तार करने के लिए एक आधुनिक नौसेना बेस बनाया। कील नहर उन्होंने जर्मन युद्धपोतों के लिए उत्तरी सागर में प्रवेश करना आसान बना दिया। उपनिवेशवाद और आयुध विकास के लिए कैसर विलियम की महत्वाकांक्षाओं के कारण इंग्लैंड और जर्मनी दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
English Translation
After Bismarck, in 1888, Kaiser William II became Emperor of Germany. During William's career, Germany made tremendous industrial progress. The need for rights markets arose for Germany’s growing production. His ambition was to get Germany new colonies, to increase foreign trade, and to give Germany a prominent place not only in Europe but also in world politics. Due to its aggressive colonial policy, it gained some territories in China and Central Africa. The islands of Caroline, Palau and Mariana were bought by Germany from Spain for naval bases in the Pacific Ocean. Kaiser William acquired the right to build a railway from Berlin to Baghdad and from there to the Gulf of Iran, in order to facilitate trade with East England. He was unable to complete the route due to strong opposition from England, France and Russia. Kaiser William built a modern naval base by expanding the army and navy to expand the colony. The Kiel Canal he built made it easy for German warships to enter the North Sea. The conflict between the two nations, England and Germany, escalated because of Kaiser William's ambitions for colonialism and armament growth.
Kaiser Williums Second
7) युरोपियन देशो का दो समुहो मे विभाजन
1902 में, इंग्लैंड ने अपनी स्थिति को मजबूत करने और एशिया में अपने साम्राज्य और व्यापार की रक्षा के लिए पूर्वी एशिया में जापान के साथ दोस्ती की संधि पर हस्ताक्षर किए। जर्मनी की विस्तारवादी भूमिका ने फ्रांस को अपना सहयोगी बनाने के लिए मजबूर किया। 1904 में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच एक समझौता हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच दुश्मनी खत्म हो गई। तीन साल बाद, इंग्लैंड और रूस एक समझौता करने के लिए एक साथ आए। 1907 में, उनके बीच मित्रता की संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। 1904 और 1907 की संधियों ने इंग्लैंड, फ्रांस और रूस के मित्र राष्ट्रों का निर्माण किया, जबकि मध्य यूरोप में जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इटली के केंद्रीय (एक्सिस) राष्ट्र का गठन किया गया और यूरोपीय राष्ट्रों को दो समूहों में विभाजित किया गया। एक दूसरे से आगे निकलने के लिए, दोनों समूहों ने अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी। उनके बीच गहन सैन्य प्रतियोगिता हुई। ये सभी आयोजन प्रथम विश्व युद्ध की ओर एक कदम हैं।
English Translation
In 1902, England signed a treaty of friendship with Japan in East Asia to strengthen its position and protect its empire and trade in Asia. The expansionist role of Germany forced France to become its ally. In 1904, an agreement was reached between England and France, ending the hostility between the two countries. Three years later, England and Russia came together to reach a compromise. In 1907, a treaty of friendship was signed between them. The treaties of 1904 and 1907 formed the Allies of England, France and Russia, while the Central (Axis) nations of Germany, Austria and Italy were formed in Central Europe and the European nations were divided into two groups. To get ahead of each other, the two groups began to increase their strength. There was intense military competition between them. All these events are a step towards the First World War.
8) बाल्कन प्रदेश मे राजनीतिक जटीलता
पूर्वी यूरोप का क्षेत्र जो तुर्की साम्राज्य के अंतर्गत आता था, बाल्कन के रूप में जाना जाता है। बाल्कन में अत्यधिक अशांति फैल गई थी। चूंकि यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण था, इसलिए इंग्लैंड, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। क्षेत्र के लोगों ने तुर्की शासन के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू किया था। रूस और बाल्कन के लोगों में स्लाव वंश के समानताएं थीं। चूंकि क्षेत्र के लोग स्लाव वंश के थे, इसलिए रूस ने इन आंदोलनों का समर्थन किया। इंग्लैंड और फ्रांस को डर था कि भूमध्य सागर में रूस के प्रभाव से एशिया में उनके हितों को खतरा होगा। इसलिए, इंग्लैंड और फ्रांस पूर्वी यूरोप की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे थे ताकि बाल्कन पर रूसी वर्चस्व स्थापित न हो। ऑस्ट्रियाई-हंगेरियन साम्राज्य बाल्कन की सीमाएँ। बाल्कन क्षेत्र ऑस्ट्रिया के लिए अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए सुविधाजनक था। दो देशों, ऑस्ट्रिया और सर्बिया, बोस्निया और हर्जेगोविना के क्षेत्रों के लिए लड़े। वर्ष 1908 में तुर्की में एक राजनीतिक क्रांति देखी गई। इस अवधि के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति का ऑस्ट्रिया ने लाभ उठाया
बोस्निया और हर्ज़ेगोविना दोनों प्रांतों से जुड़े हुए थे। नतीजतन, रूस और सर्बिया ऑस्ट्रिया के लिए शत्रुतापूर्ण हो गया। बाल्कन में अशांति का लाभ उठाते हुए, बुल्गारिया ने भी अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। बाल्कन में यूरोपीय राष्ट्रों की परस्पर विरोधी भूमिकाओं ने बाल्कन समस्या को और जटिल कर दिया।
English Translation
The region of Eastern Europe that came under the Turkish Empire is known as the Balkans. Extreme unrest had erupted in the Balkans. As the region was geographically important, nations such as England, France, and Russia began to intervene. The people of the region had started a national movement against Turkish rule. The people of Russia and the Balkans had similarities to the Slavic dynasty. Since the people of the region were of Slavic descent, Russia supported these movements. England and France feared that Russia's influence in the Mediterranean would jeopardize their interests in Asia. Therefore, England and France were interfering in the politics of Eastern Europe so that Russian domination over the Balkans would not be established. The Austrian-Hungarian Empire borders the Balkans. The Balkan region was convenient for Austria to expand its empire. The two countries, Austria and Serbia, fought for the territories of Bosnia and Herzegovina. The year 1908 saw a political revolution in Turkey. Austria took advantage of the situation that arose here during this period Bosnia and Herzegovina were annexed by the two provinces. As a result, Russia and Serbia became hostile to Austria. Taking advantage of the turmoil in the Balkans, Bulgaria also declared its independence. The conflicting roles of the European nations in the Balkans further complicated the Balkan problem.
Europe in 1914
8) महायुद्ध का कारण और शुरुवात
28 जून, 1914 को, बोस्नियाई राजधानी, साराजेवो में, ऑस्ट्रिया के प्रिंस आर्चड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड की हत्या एक चरमपंथी सर्बियाई नागरिक ने की थी। यह प्रथम विश्व युद्ध का तत्काल कारण था। ऑस्ट्रिया और सर्बिया लंबे समय से शत्रुतापूर्ण थे। ऑस्ट्रिया ने फ्रांसिस फर्डिनेंड की हत्या के बहाने सर्बिया को कुचलने का फैसला किया। जर्मनी ने ऑस्ट्रिया को सर्बिया से लड़ने में मदद करने का वादा किया। ऑस्ट्रिया ने मांग की कि सर्बिया स्वीकार नहीं करेगा। निरवानी ने चेतावनी दी कि उन मांगों को 48 घंटों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। उस समय रूस ने सर्बिया की मदद करने का वादा किया था। रूस के समर्थन के कारण सर्बिया ने ऑस्ट्रिया की मांगों को स्वीकार नहीं किया। इसलिए, ऑस्ट्रिया ने 28 जुलाई, 1914 को सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की। रूस को पता था कि अगर ऑस्ट्रिया ने युद्ध जीता तो बाल्कन में ऑस्ट्रिया का प्रभाव बढ़ जाएगा। इसलिए सर्बिया की मदद के लिए रूसी सेना के कदम की शुरुआत की। जर्मनी ने अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए रूस को बारह घंटे दिए। रूस के इनकार के बाद, जर्मनी ने रूस पर युद्ध की घोषणा की। उस समय, फ्रांस ने रूस की मदद करने का वादा किया और जर्मनी ने फ्रांस पर युद्ध की घोषणा की। त्रिपक्षीय समझौते के तहत, इटली को जर्मनी के साथ युद्ध में जाने की उम्मीद थी। लेकिन 1915 में, इंग्लैंड और फ्रांस के साथ युद्ध के लिए इटली गया। जर्मनी ने बेल्जियम और फ्रांस पर आक्रमण किया। जबकि यह सब हो रहा था, इंग्लैंड तटस्थ रहा। इंग्लैंड शांति बनाए रखने और संघर्ष से बचने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जर्मनी के आक्रामक रुख ने इंग्लैंड को युद्ध के लिए प्रेरित किया।
English Translation
On June 28, 1914, in the Bosnian capital, Sarajevo, Prince Archduke Francis Ferdinand of Austria was assassinated by an extremist Serbian citizen. This was the immediate cause of World War I. Austria and Serbia have long been hostile. Austria decided to crush Serbia on the pretext of the assassination of Francis Ferdinand. Germany promised to help Austria fight Serbia. Austria made demands that Serbia would not accept. Nirvani warned that those demands should be fulfilled within 48 hours. At the time, Russia promised to help Serbia. Serbia did not accede to Austria's demands due to Russia's support. Therefore, Austria declared war on Serbia on July 28, 1914. Russia was aware that Austria's influence in the Balkans would increase if Austria won the war. So began the Russian military's move to help Serbia. Germany gave Russia twelve hours to withdraw its troops. Following Russia's refusal, Germany declared war on Russia. At that time, France promised to help Russia and Germany declared war on France. Under the Tripartite Agreement, Italy was expected to go to war with Germany. But in 1915, Italy went to war with England and France. Germany invaded Belgium and France. While all this was happening, England remained neutral. England was trying to keep the peace and avoid conflict. But Germany's aggressive stance led England to war gone.
1917 तक, रूस ने मित्र देशों के पक्ष में लड़ाई लड़ी। क्रांति के बाद, रूस में बोल्शेविक सरकार की स्थापना हुई। नई सरकार ने जर्मनी के साथ बातचीत की और युद्ध से हट गई। जर्मनी ने इंग्लैंड के खिलाफ युद्ध में बहुत बड़े पैमाने पर पनडुब्बी युद्ध का उपयोग करना शुरू कर दिया। अंग्रेजी पनडुब्बी लुसिटानिया जर्मन पनडुब्बियों द्वारा डूब गई थी। कई अमेरिकी नागरिक इसमें मारे गए। अमेरिका ने जर्मनी को अंधाधुंध तरीके से पनडुब्बियों का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है। हालांकि, जर्मनी ने अंधाधुंध तरीके से पनडुब्बियों का इस्तेमाल जारी रखा। इसलिए, 6 अप्रैल, 1917 को अमेरिका ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। अतः मित्र राष्ट्रों का पक्ष अधिक मजबूत हुआ। इसके बाद, केंद्रीय शक्ति समूह में राष्ट्रों ने आत्मसमर्पण किया। मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी पर हर तरफ से आर्थिक नाकेबंदी लगा दी। जर्मनी के सभी सहयोगी आत्मसमर्पण करने के साथ, युद्ध को समाप्त करने के अलावा जर्मनी के पास कोई विकल्प नहीं था। उसी समय, जर्मनी स्वतंत्र हो गया और एक गणतंत्र की स्थापना हुई। जर्मनी की अंतरिम सरकार ने अंततः अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन की 14-बिंदु योजना के तहत आत्मसमर्पण स्वीकार करते हुए एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस प्रकार 11 नवंबर, 1918 को प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हो गया।
English Translation
Until 1917, Russia fought on the side of friendly nations. After the revolution, the Bolshevik government was established in Russia. The new government negotiated with Germany and withdrew from the war. Germany began to use submarine warfare on a very large scale in the war against England. The English submarine Lusitania was sunk by German submarines. Many American citizens died in it. The United States has warned Germany not to use submarines indiscriminately. However, Germany continued to use submarines indiscriminately. Therefore, on April 6, 1917, the United States declared war on Germany. So the side of the friendly nations became stronger. Subsequently, the nations in the central power group surrendered. The friendly nations imposed economic blockade on Germany on all sides. With all of Germany's allies surrendering, Germany had no choice but to end the war. At the same time, Germany became independent and a republic was established. Germany's interim government finally signed a ceasefire agreement, accepting surrender under US President Woodrow Wilson's 14-point plan. Thus ended World War I on November 11, 1918.
भारत जैसे कई देशों, जिनमें यूरोपीय साम्राज्यवादी राष्ट्रों का वर्चस्व था, को बिना किसी कारण के इस विश्व युद्ध में खींच लिया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के कारण को हल करने के लिए पेरिस की संधि (1919-1920) पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते के अनुसार, केंद्रीय शक्ति समूह में पराजित देशों के साथ पांच अलग-अलग समझौते किए गए थे। उनमें से जर्मनी पर लगाया गया अपमानजनक संधि है, जिसे 'वर्साय की संधि' के रूप में जाना जाता है।
English Translation
Many countries like India, dominated by European imperialist nations, were dragged into this world war without any reason. The Treaty of Paris (1919–1920) was signed to resolve the cause of World War II. According to the agreement, five separate agreements were made with the defeated countries in the central power group. Among them is the derogatory treaty imposed on Germany, known as the 'Treaty of Versailles'.
9) महायुद्ध के परिणाम
प्रथम विश्व युद्ध, जो 1914 और 1918 के बीच हुआ था, विनाशकारी, विनाशकारी और विश्वव्यापी था।
1) इस युद्ध में जान, माल और संसाधनों का भारी नुकसान हुआ था।
2) युद्ध में एक करोड़ सैनिक मारे गए। लाखों लोग मारे गए।
3) इस युद्ध में एक नवोदित पीढ़ी को मार दिया गया। इसने पूरे यूरोप को प्रभावित किया।
4) दुनिया के कई देशों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। युद्ध के दौरान, कृषि उद्योग ठंडा हो गया।
5) आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई।
6) संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के अलावा, बाकी दुनिया को ग्रेट डिप्रेशन से कड़ी टक्कर मिली।
7) संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व राजनीति में एक महाशक्ति के रूप में उभरा।
8) जर्मनी, रूस, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की के साम्राज्य नष्ट हो गए।
9) यूरोप में पोलैंड, फ़िनलैंड, रोमानिया, बुल्गारिया, चेकोस्लोवाकिया, यूगोस्लाविया आदि स्वतंत्र देशों का गठन पराजित देशों के साम्राज्यों को विभाजित करके किया गया था।
10) प्रथम विश्व युद्ध के कारण, परिवार प्रणाली, पारंपरिक मूल्य, नैतिकता प्रभावित हुई थी।
11) भविष्य में इस तरह के भयावह युद्ध को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन की 14-बिंदु योजना के तहत 1920 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी।
वर्साय की संधी ने जर्मनी पर बहुत अपमानजनक स्थितियाँ लाद दीं। प्रथम विश्व युद्ध के लिए जर्मनी को दोषी ठहराया गया था। जर्मनी पर भारी युद्ध हर्जाना लगाया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के बीजे को पराजित राष्ट्र के साथ दोषपूर्ण युद्ध में बोया गया था।
English Translation
The First World War, which took place between 1914 and 1918, was devastating, devastating, and world-wide.
1) In this war there was a huge loss of life, property and resources.
2) One crore soldiers were killed in the war. Millions were killed.
3) A budding generation was killed in this war. It affected the whole of Europe.
4) The economic condition of many nations of the world has deteriorated. During the war, the agricultural industry went cold.
5) Inflation increased due to shortage of essential commodities.
6) Apart from the US and Japan, the rest of the world was hit hard by the Great Depression.
7) The United States emerged as a superpower in world politics.
8) The empires of Germany, Russia, Austria-Hungary and Turkey were destroyed.
9) Independent countries like Poland, Finland, Romania, Bulgaria, Czechoslovakia, Yugoslavia etc. were formed in Europe by dividing the empires of the defeated countries.
10) The First World War affected the family system, traditional values, morality.
11) The United Nations was established in 1920 under the 14-point plan of US President Woodrow Wilson to prevent such a catastrophic war in the future.
Thirst for Versailles imposed very humiliating conditions on Germany. All of Germany was blamed for World War I. Huge war losses were imposed on Germany. The seed of World War II was sown in the faulty war with the defeated nation.
Submarine
Injured Soldier's
तो दोस्तो आपको ये हमारा लेख कैसा लगा ? हमे कमेंट करके जरूर बताइए। और हमारे इस ब्लॉग के बारे में भी आपकी राय जरूर दे. अगर आपके हमारे ब्लॉग के लिए कोई सूझाव है तो आपके सुझावो का मैं हमेशा से ही स्वागत करेगा। अगर आप दुनिया के बारे में जानना चाहते है तो हमारा ब्लॉग रोज पढ़ते रहिये. आपके लिए ऐसेही नई नही जानकारिया में रोज लाता रहुंगा। धन्यवाद दोस्तो. अपना ध्यान रखिये.
English Translation
So friends, how did you like our article? Please let us know by commenting. And also give your opinion about this blog of ours. If you have any idea for our blog, I will always welcome your suggestions. If you want to know about the world, then keep reading our blog daily. I will keep bringing you new information for you every day. Thanks guys. Take care of yourself.☺
Informative
ReplyDelete🌺
ReplyDeleteArticle अच्छा लिखा है
ReplyDeleteपर टेक्स्ट का कलर बहोत ही डार्क है पडते समय आखे फोकस नहीं हो रही
ब्लॅक कलर में टेक्ट किया तो अच्छा रहेगा
Thanks. I will do.
Delete